Wednesday, February 20, 2008

अलविदा कॉमरेड......!

कॉमरेड....नाचीज़ का लाल सलाम। हूज़ूर आपसे कई वर्षों से मिलना चाहता था। लेकिन आप अपने बीजी सिड्यूल से मेरे लिए समय ही नहीं निकाल पाए। अब बड़ी मुश्किल से मौका मिला है। वो भी तब, जब आप टायर्ड और रिटायर दोनों हो गए हैं। कॉमरेड, आख़िर आपने सत्ता का मोह त्याग ही दिया। समझ सकता हूं, ये चीज़ ही ऐसी है कि एक बार लत लग जाए तो बड़ी मुश्किल से जाती है। 49 साल तक आप सत्ता से बिल्कुल फेवीकोल की तरह चिपके रहे। आपने क्यूबा पर इतने लंबे समय तक शासन किया है कि देश के लगभग तीन चौथाई लोग किसी और नेता को जान ही नहीं पाए । इन पचास वर्षों में आपने क्या-क्या नहीं देखा और दिखलाया।

याद है न कॉमरेड 1959 आपने राष्ट्रपति बतिस्ता के ख़िलाफ आंदोलन छेड़ा था। आपने अपने सौ समर्थकों के साथ सैनिक छावनियों पर हमला बोल दिया। किस्मत ख़राब थी। आप और छोटे भैया राउल पकड़ लिए गए थे। दो साल की सज़ा भी हुई थी। जेल से निकलने के बाद आपने मेक्सिको से अपने आंदोलन को जारी रखा। आपके क्रांतिकारी विचारों ने तत्कालीन जनमत को गज़ब के सम्मोहन में जकड़ लिया था और अपने गुरिल्लों के सहयोग से आपने उसी साल बतिस्ता को सत्ता से बेदख़ल कर दिया। कमाल कर दिया था.....कमाल। समाजवादियों, कम्यूनिस्टों और युवाओं के हीरो बन गए थे आप। हीरो....नायक।

नए सत्ता व्यवस्था में आपने कॉमरेड चे ग्वेरा को भी शामिल किया था। याद है आपने जनता से क्या वायदे किए थे। भूल गए हैं तो याद दिलाए देता हूं। आपने लोगों से वादा किया था कि आप गरीबों को उनकी ज़मीन लौटा देंगे। साथ ही उनके अधिकारों की भी रक्षा करेंगे। आपने तो यहाँ तक कहा था कि आपकी सरकार न कम्यूनिस्ट है, न मार्कसिस्ट, न ही लेनिनिस्ट। बल्कि लोकतांत्रिक सरकार है जो लोगों को सामाजिक न्याय और एक मजबूत अर्थव्यवस्था देगी। ये कैसा लोकतंत्र था कॉंमरेड कि विकास कै पैमाने पर क्यूबा पिछड़ता ही चला गया और जनता आपको 49 बरस तक सत्ता सौंप कर सोती रही!

मुझे आज भी स्पष्ट याद है कि कैसे 1961 में आइज़नहावर नें आपके ख़िलाफ विद्रोहियों को उकसाने की ज़ुर्रत की थी। आपने भी "जैसे को तैसा" जवाब दिया था। 1962 में आपने अमरीका के पिछवाड़े में ही सोवियत मिसाईलों की तैनाती करवा दी। जंग होते-होते रह गया था। मिसाईल तो आपने बाद में हटवा लिया लेकिन आप घोषित रूप से अमरीका के दुश्मन नंबर वन हो गए। आप ही के एक मंत्री ने तो यहाँ तक दावा किया कि सीआईए नें आपकी हत्या का प्रयास लगभग 600 बार किया। कॉमरेड सीआईए की काहीलियत पर शर्म आती है। यह भी समझ में नहीं आ रहा है कि अमरीका जैसा ताक़तवर मुल्क, जो हज़ारों मील दूर ईराक, अफगानिस्तान या फिर जापान पर बमों की वर्षा कर उन्हें बरबाद कर सकता है। उसने आपके देश को इतनी नाफ़रमानी के बाद भी क्यों नहीं कुछ कहा या किया। कॉमरेड कहीं इसका कारण धर्म में तो नहीं छिपा है....?

अस्सी के दशक में सोवियत संघ के विघटन ने तो आपके अर्थव्यवस्था को बिल्कुल ही ज़र्जर बना दिया। इस बीच आपका पड़ोसी अमरीका पूरे विश्व की आर्थिक व्यवस्था पर छाने को बेताब दिख था। लेकिन आप इससे भी अंजान बने रहे। आपकी बेटी भी आपके 'तानाशाही' रवैये से खिन्न होकर देश छोड़ गई। एक बात और कि आपको राउल भैया से योग्य पूरे क्यूबा में कोई नज़र नहीं आया क्या। अजीब लगता है जब लोग आप पर भी परिवारवाद का आरोप लगाते हैं।

ख़ैर छोड़िए इन बातों को। आपके नेतृत्व में बहुत सारी अच्छी च़ीजें भी हुईं। ९८ फ़ीसदी लोगों को साक्षर बनाकर तो आपने अमरीका को भी पछाड़ दिया। स्वास्थय सेवा भी बेहतरीन है। नैम आंदोलन को बढ़ाने में भी आपकी भूमिका अहम रही है। और आपका स्टाईल....पूछिए ही मत। हम युवा तो आपके दीवाने है दीवाने। आपका सिगार जलाने का स्टाईल, आपका भाषण और आपका अपील तो मन को लूट ले जाता है। कॉमरेड दुख: भी होता है कि आप पिछले दो सालों से कैंसर से पीड़ित हैं। कुछ दिनों के बाद आप यादों में ही रह जाएंगे। अंत में फिर से लाल सलाम।

1 comment:

Ashish Maharishi said...

कामरेड को मेरा भी लाल सलाम