ख़ुशी, डर, घबराहट...इतने एहसास एक साथ कभी महसूस नहीं किया। कल से शुरू होगा मेरा सबसे बड़ा इम्तेहान...। राखी का स्वयंवर कल रात सिर्फ़ एनडीटीवी इमेज़िन पर...।
राखी ब्यूटी पार्लर से सच-धज कर लौट आई हैं। टेलीविजन चैनल्स पर राखी के इस स्वयंवर का जोर-शोर से ढ़ोल पीटा जा रहा है। और पीटे भी क्यूं नहीं। ख़बरों का सुखाड़ है, ऐसे में स्वयंवर के कटपीस विजुअल्स का सहारा ही तो है। 1-2 महीने तो आराम से कट जाएंगे। हरेक एपिसोड के साथ न्यूज़ चैनल्स संभावित वर के घर से लाईव चैट, मां-बाप, रिश्तेदारों का रिएक्शन दिखाएगी। अगले एपिसोड में इंट्री के साथ ही लड़के के घर के बाहर जश्न को माहौल होगा, जिसे चैनल्स कभी मिस नहीं करेगी, भले ही आकाल पर कैबिनेट की बैठक उनके डे प्लान में छूट जाए। राखी मिस नहीं होनी चाहिए। सुशांत कुछ दिनों से शादी के लिए व्याकुल हैं। मैंने कहा क्यूं नहीं राखी के लिए ट्राई करते हैं। बोले, राजीव प्लीज डोंट वेस्ट माइ टाईम। मूड ख़राब कर दिया। ऐसे राखी कोई नया काम तो कर नहीं रही हैं। पुराने जमाने में राजकुमारियां स्वयंवर द्वारा अपने वर का चुनाव करती थीं। सीताजी ने राम का स्वयंवर किया था, रुक्मिणी ने भगवान कृष्ण को वरा, द्रोपदी ने अर्जुन को। अंतर सिर्फ़ कैमरों का है। अंतर सिर्फ़ कमाई का है। एनडीटीवी की माली हालत कुछ ठीक नहीं है। ऐसे में यह टीवी चैनल राखी सावंत के जरिए कमाई के लिए यह स्यवंवर रचा रहा है।
देश भर से 16 'बदकिस्मत' कुंआरे बकरों को चुना गया है, जो इस कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे। ये सभी प्रतियोगी राखी के साथ एक ही छत के नीचे रहेंगे। राखी से शादी करने आए इन प्रतियोगियों को राखी हर सप्ताह नौकरों की तरह कुछ न कुछ काम देंगी, जिसे उन्हें पूरा करना होगा। काम को ठीक से न करने वाले या पूरा न करने वाला 'सौभाग्यशाली' प्रतियोगी एक-एक कर प्रत्येक सप्ताह बाहर होता जाएगा। आख़िर में जो बचेगा, राखी उससे शादी करेंगी। इसमें राखी अपने दोस्तों की भी मदद लेंगी। दो दोस्त तो प्रोमो में दिख गए हैं, एक राम कपूर हैं, जिनका नाम मैंने पहली बार सुना है। दूसरे रवि किशन हैं। रविया, राखी का भाई बना है। अब पैसा जो न कराए। रविया को मैं थोड़ा गंभीर समझता था। पता नहीं वो कब चिरकुट हो गया। भाई के रोल में उसे देख कर बजरंगी भैया की याद आती है। पटना कॉलेज में मेरे साथ थे। जैसा नाम, वैसा काम। कोशिश तो बहुत किया कि किसी कुमारी कन्या के साथ टांका भिड़ जाए। लेकिन मुक्कदर में भैया बनना ही लिखा था, और वही हुआ। आज भी भैया हैं।
राखी सावंत ज्यादा शिक्षित नहीं हैं, सुंदर भी नहीं हैं और अभिनय में भी उन्हें कोई महारत हासिल नहीं है। इन सब कमियों के बावजूद वह एक ब्रांड बन चुकी हैं। भारत में रंगीन टेलीविजन और प्राइवेट चैनलों के आगमन के बाद कुछ अजूबे प्रायोजित हुए हैं जिनमें से एक राखी सावंत हैं। और दूसरा इंडिया टीवी है।
मैं जानता हूं, पूरी हिंदी पट्टी इस शो को सांस थाम कर देखेगी। इस देश का दुर्भाग्य है, जहां एक ओर साधारण, सहज और सामान्य होना हाशिए में फेंक दिया गया है। गिरीश कर्नाड के नाटक ‘हयवदन’ में प्रकरण है कि एक स्वयंवर में राजकन्या ने भाग लेने वाले किसी भी राजकुमार को पसंद नहीं किया और वरमाला एक घोड़े के गले में डाल दी। वह घोड़ा एक शापित यक्ष था और शादी के बाद अपने असली स्वरूप में प्रकट हुआ। बतौर इसी किवदंती के राखी सावंत अंतिम एपिसोड में वरमाला कैमरे के गले में डाल सकती हैं, इस आशा में कि सुहागरात के प्रथम चुंबन से वह राजकुमार के रूप में प्रकट होगा। एक संभावना यह भी है कि अंतिम एपिसोड से पहले शो में अभिषेक अवस्थी का लैटरल इंट्री हो जाए और राखी सोलहों प्रतियोगी को बाहर का रास्ता दिखला कर अभिषेक के गले में वरमाला डाल दे। ऐसे, राखी सावंत को हमेशा ही कैमरे से प्यार रहा है।
7 comments:
राजीव सच कह रहे हो दोस्त....
समय समय का फेर है
समय समय का योग
लाखों में बिकने लगे
दो कौड़ी के लोग
इलेक्ट्रॉनिक मीडिया तो अन्दर बाहर ऐसे लोगों का गढ़ है ही..इसे हम लोगों से बेहतर कौन जानता है....इसे भी झेल लिया जायेगा..लेकिन प्रन्नॉय रॉय जैसी शख्सियत को भी अपने ढ़हते साम्राज्य को बचाने के लिए राखी सावंत का सहारा लेना पड़ा है.....ये बड़ी चिंता का विषय है.....
भाई सवाय यह है कि क्यों ये दुनिया राखी सावंत के इतने पीछे पड़ी रहती है? कुछ तो है उसमें. आप माने या न मानें।
इन्तजार लगा है.. :)
सब मोहमाया है ओर सब उसके गुलाम ।
सब माया है ....सब माया है :)
By the way
Her father is an ACP with the Mumbai Police. She is Graduate
अपने ड्राइवर से ही शादी कर लो राखी!
राखी सावंत का स्वयंवर एक महज मूर्खतापूर्ण मजाक है। 21 जुलाई को दिखाये गये एपिसोड में राखी सावंत ने मनमोहन तिवारी के घर जाकर परिवार के लोगों से मिलने के बाद सबके बारे में काफी भला-बुरा कहा। यहां तक कि राखी सावंत ने मनमोहन तिवारी से कहा कि तुमसे ज्यादा अच्छा तो मेरा ड्राइवर है।
अगर राखी सावंत का ड्राइवर वाकई मनमोहन तिवारी से ज्यादा अच्छा है तो वह अपने ड्राइवर से ही शादी क्यों नहीं कर लेती? उसे स्वयंवर करने की जरूरत ही क्या थी?
नेहा, रांची
Rajeev ji...Sushant ji ki raay Rakhi ke baare mai badal gayi hai,positive ho gayi hai...Aap maane ya na maane...Rakhi Sawant mai dumm to hai.
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