Sunday, March 9, 2008

मैं बहुत चिंतित हूं......!

मैं बहुत चिंतित हूं। आप भी कुछ बात से परेशान होंगे। घबराईये नहीं, हम-आप अकेले नहीं हैं। पूरा देश चिंता पर चिंतन में व्यस्त है। प्रधानमंत्री से लेकर सड़क का भिखारी तक। सब चिंता से दुबले हुए जा रहे हैं। बाप, मां, बेटा, चाचा, मामा, दोस्त, भाई, नाई, धोबी, मोची.....सब चिंतित हैं। हाँ, ये चिंता सामूहिक नहीं है। सबकी अलग-अलग चिंताएं है।

कल रात प्रधानमंत्री को नींद नहीं आई, उन्हें किसानों की चिंता थी। परसों साहित्यकारों को लेकर चिंतित थे। उससे पहले न्यूक्लियर डील ने उनके नींद में खलल डाली। सोनिया गांधी अगले चुनाव को लेकर चिंतित हैं। अर्जुन सिंह नेक्स्ट प्रधानमंत्री बनने के जुगाड़ में चिंतित हैं। यही चिंता प्रणव दा, शिवराज पाटिल और बहन मायावती की भी है। भाजपा के पीएम इन वेटिंग आडवाणी अपने पोजीशन को मजबूत बनाने के लिए चिंतित है। वहीं अटल जी घुटने में पुराने दर्द को लेकर चिंतित हैं। राज ठाकरे को मराठियों की चिंता, लालू को बिहारियों कि चिंता।

बिल गेट्स फोर्ब्स लिस्ट में फिर से नंबर वन की जगह पाने के लिए चिंतित हैं। अमिताभ बच्चन, अभिषेक के कैरियर को लेकर चिंतित हैं। शाहरुख ख़ान कोलकाता आईपीएल टीम को लेकर चिंतित हैं। सचिन के चिंता का कारण उनकी उम्र है, वहीं धोनी और युवराज दीपिका को पाने के लिए चिंतित हैं। नीतिश कुमार की चिंता बिहार की छवि है। बुद्धदेव दा सिंगूर और नंदीग्राम में हुए गलती को लेकर चिंतित हैं। राज्य मंत्री को कैबिनेट मंत्री बनने की चिंता है। कैबिनेट मंत्री को प्रधानमंत्री। गृह मंत्री को कानून-व्यवस्था की चिंता है तो राजेंद्र पचौरी और सुनीता नारायण को पार्यावरण की चिंता में घुल रहे हैं। मेनका गांधी जानवरों को लकर चिंतित है वहीं बजरंग दल के नेता संस्कृति को लेकर चिंता में हैं।

माँ को बच्चे की चिंता है तो बच्चों को एग्ज़ाम की चिंता। युवाओं को कैरियर की चिंता है तो बूढ़ों को पेंशन की चिंता। ब्वॉय फ्रेंड को गर्ल फ्रेंड की चिंता है और गर्ल फ्रेंड को ब्वॉय फ्रेंड की चिंता। दरअसल यह दोनों सिर्फ़ एक-दूसरे पर चिंतन करने में विश्वास रखते हैं। इंटर्न को नौकरी पाने की चिंता है, बॉस को नौकरी बचाने की चिंता। जनवरी में बढ़ी हुई ठंड की चिंता, फरवरी में वेलेंटाईन डे की चिंता, मार्च में इनकम टैक्स की चिंता, अप्रेल में परीक्षा की चिंता, मई में अप्रेजल की चिंता......। मोटी को दुबली होने की चिंता, दुबले को मोटे होने की चिंता।

अपने आस-पास के लोगों को देखें। उनके माथे पर चिंता की लकीरें स्पष्ट दिख जाएंगी। और उसे देख कर आप उनके चिंता पर चिंतित हो जाएंगे। हम सब कुछ न कुछ पाने, करने को लेकर चिंतित हैं। चिंता एक ऐसी बिमारी है जिस ने सब को परेशान कर रखा है। हमारी चिंता बाबा रामदेव, आशाराम जी बापू को मालामाल कर रही है। इस चिंता का समाधान हमारे भारतीय दर्शन में है। सारी चिंताओं का कारण हमारी इच्छाएं हैं। जब तक यह इच्छा रहेगा, आदमी चिंतित रहेगा। इसलिए, बाबा कबीर की दोहे को आजमाएं...कि...."चाह गई, चिंता मिटी मनवा बेपरवाह, जिसको कुछ नहीं चाहिए वही शहंशाह।" या फिर देवानंद की फ़िल्म गाईड का वो गाना याद है न" मैं जिन्दगी का साथ निभाता चला गया, हर फिक्र को धुएं में उड़ाता चला गया"। सब कुछ ईश्वर को सौंप कर निश्चिंत हो जाएं....मेरा मुझमें कुछ नहीं, जो कुछ है सब तेरा। तेरा तुझको सौंपते हैं क्या लागत है मेरा।

7 comments:

Anonymous said...

सब माया है। यही माया हमारे दुख और चिंता दोनों का कारण हमेशा से बना हुआ है।

Anonymous said...

राजीव जी, गहरी बात को आपने कितने हल्के-फुलके और मनोरंजक ढ़ंग से पेश कर दिया। लिखने का मिजाज भा गया। समाज में कुछ लोग ऐसे भी मिल जाएंगे जो दूसरे के खुशी से चिंतित हो जाते हैं। और अमिताभ बच्चन, अभिषेक के कैरियर को लेकर जिंदगी भर चिंतित रहेंगे।

Anonymous said...

दोस्त, एक चिंता भूल गए। पूरे देश में एक सामूहिक चिंता भी है। बढ़ती हुई मंहगाई। इस चिंता नें अमीर-गरीब सबको परेशान कर रखा है। इस चिंता से लेफ्ट क्यों नहीं चिंतित हो रही है?

Unknown said...

देवाशीष ने बड़ी वाली चिंता जताई है। बढ़ती मंहगाई, चढ़ते दाम ने आजादी के बाद हर सरकार को चिंतित किया है। लेकिन आजतक इस चिंता की दवा कोई खोज नहीं पाया। बाकी कुछ बचा तो मंहगाई मार गई।

Anonymous said...

आपकी क्या चिंताएं हैं राजीव जी...???? बढ़िया है, साधारण बात...लेकिन उस बात पर बड़ी सोच।

Anonymous said...

itne bare baat ko aapne bare hi aache aur halke dhang se pesh kiya hai. lekin ye bhi to sochiye ki bina ikchaon ke jeevan dishaheen ho jati hai.

Ragini Puri said...

वाकई हर शख्स किसी ना किसी चिंता में घुला जा रहा है...
हां लगे हाथ एक बात और..."मैं जिंदगी का साथ निभाता चला गया" फिल्म गाइड का नहीं बल्कि देव आनंद की ही एक दूसरी फिल्म हम दोनों का गाना है।