आज भारत 61 वर्ष का हो गया। पिछे मुड़ कर देखने पर यह साल देश के लिए सबसे यादगार लगता है। हाल में बंगलौर, जयपूर और अहमदाबाद में हुए आतंकी हमले, कश्मीर की मौजूदा हालात और इस्लामी आतंकियों के डर के मद्देनज़र कुछ लोग को ये अतिशयोक्तिपूर्ण लगे। लेकिन मुझे लगता है कि आतंकवाद भारत की अखंडता के लिए लंबे समय तक ख़तरा नहीं रह सकता है। वर्तमान में भले ही यह कितना भी खतरनाक क्यों न दिखता हो।
इसी प्रकार, माओवादी विद्रोहियों से भी देश को खतरा लग सकता है। ख़ास कर तब, जब इनका फैलाव देश के आदिवासी पट्टी तक हो चुका हो। लेकिन देश इस समस्या से भी उबर जाएगा। ठीक उसी तरह जैसे 1980 के दशक में हमने सिख आतंकवाद की कमर तोड़ी थी।
२००८ भारत-अमरीका परमाणु समझौते और आर्थिक सुधारों को जारी रखने के लिए भी जाना जाएगा। दुनिया की बड़ी शक्तियों नें भी इस साल हमारे विकास और हौसले को सलाम किया है। भारत को जी-8 बैठक में आमंत्रित किया जाना इसका एक उदाहरण है। नई दिल्ली अंतरराष्ट्रीय कूटनीति में भी तेज़ी से आगे बढ़ रहा है। पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान भी समझने लगा है कि अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत के साथ समानता की बात सोचना भी बेमानी है। भारत न केवल विशाल आर्थिक महाशक्ति बन कर उभरा है, बल्कि हमारी बहुसांस्कृतिक लोकतंत्र पश्चिम के नस्लवादी विकसित देशों के लिए भी रोल मॉडल बनी है। यह हमारी सफलता है कि बहु धार्मिक , बहुसांस्कृतिक , बहुभाषी देश और एक अरब से अधिक जंसंख्या के बावजूद हमने एक जीवंत लोकतंत्र बनाया है। भारतीय लोकतंत्र की इस सफलता नें अमरीका को परमाणु अप्रसार को दरकिनार कर हमारे साथ परमाणु संधी करने को मज़बूर कर दिया।
इसमें संदेह नहीं कि भारतीय लोकतंत्र अपने आप में एक अनूठा प्रयोग है। इतनी सफल लोकतंत्र दुनिया के किसी मुल्क को नसीब नहीं हो पाई है। भारत की विशिष्टता इस तथ्य में निहित है कि, जबकि अन्य सभी देश लोकतंत्र बनाए रखने के अपने मूल सजातीय नस्लीय और धार्मिक विशेषताओं को बढ़ावा दे रहे है, वहीं भारत अपने 4635 समुदायों के 325 भाषाओं और 24 लिपियों को खुल कर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता देता है। दुनिया में ऐसा कोई देश नहीं है जहाँ की मुद्रा में 17 आधिकारिक भाषाओं में लिखा जाता हो।" विविधता में एकता" हमेशा से भारत के डीएनए में रहा है। देश के 61वें स्वतंत्रता दिवस पर शेष विश्व की नज़र हमारी उपलब्धियों पर है।
4 comments:
स्वतंत्रता दिवस की बहुत बधाई एवं शुभकामनाऐं.
देश के भविष्य को लेकर आपकी सोच काफी सकारात्मक है। मुझे भी लगता है, मौजूदा राजनीति के अवसान के बाद कुछ सार्थक सोच वाले लोग सामने आएंगे।
आजाद है भारत,
आजादी के पर्व की शुभकामनाएँ।
पर आजाद नहीं
जन भारत के,
फिर से छेड़ें, संग्राम एक
जन-जन की आजादी लाएँ।
जी हां मेरा भारत महान। सारा विश्व हम पर नजरें गड़ाए बैठा है और जल्द ही देश का सपना भी पूरा होजाएगा। लेकिन कुछ नासूर है अशिक्षा, विक्लांग्ता,आर्थिक मुद्दे इन्हें तो दूर करना ही होगा।
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