एक सवाल मेरे मन में बार-बार उमर-घुमर कर आ रहा है। रक्षा बंधन करीब है। बहनें अपने-अपने भाईयों की कलाई पर राखी बांधेंगी। लेकिन "बहन" मायावती की राखी इस साल किसके लिए होगी?? बहुत संभव है इस रक्षा बंधन को बहन मायावती अपने नए भाई प्रकाश करात को राखी बांधने लखनऊ से सीधे गोल मार्केट स्थित ए के गोपालन भवन आ पहुंचें। आख़िर बीएसपी सुप्रीमो ने ट्रस्ट वोट से ठीक एक दिन पहले करात को भाई कह कर संबोधित किया था। कॉमरेड नहीं॥। सीपीएम के सुत्रों से ख़बर मिली है कि कॉमरेड करात "भाई" के अपने नए स्टेटस से चिंतित हैं। अतीत में कई "भाई" अपने इस "बहन" की महत्वकांक्षा के शिकार हुए हैं।
जरा याद कीजिए लालजी टंडन के साथ क्या हुआ था। 2003 के अगस्त महीने की ग्यारह तारीख़। बहन अपने लाव लश्कर के साथ भैया को राखी बांधने उनके घर पहुंचती हैं। बाद में पत्रकारों को संबोधित करते हुए बहन ने कहा था कि, ' मैं अपने भाई के लंबी उम्र की कामना करती हूं और वो राजनीति में और आगे जाएं'। उसी महीने भाजपा-बसपा गटबंधन टूटती है और भाई लालजी टंडन...."लालची टंडन" हो जाते हैं। "ये लालजी टंडन नहीं, लालची टंडन है"। आगे क्या हुआ बताने की जरूरत नहीं है। भाई के बहन प्रेम पर बिजली गिर गई। बहन के पुराने रिकार्ड को देखते हुए लगता है कि भाई करात जल्द ही पुराने दोस्तों के साथ खड़े दिखेंगे। लेकिन, अभी तो कलाई पर राखी बांधने की पूरी तैयारी हो गई है।
3 comments:
आ ही गई है राखी. देखिये, किसकी बारी है. :)
बंधु पता चले तो एक पोस्ट उस पर भी ठेल दीजिएगा। शायद करात का नंबर ना हो इस बार। चलिए देखते हैं।
Jabardast
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