सौजन्य-रायटर्स
सोकलपुर से हीरापुर – कच्चा रास्ता, नदी और वन
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कल (18 जून 25) प्रेमसागर सोकलपुर से हीरापुर पंहुचे। कुल 10 किलोमीटर की
पदयात्रा। प्रमोद पाठक जी का एक रात रुकने का निमंत्रण न रहा होता तो प्रेम
बाबाजी ज्या...
12 hours ago
7 comments:
ये हुई न बात। बहुत बढि़या तस्वीर है.. आशा जगाती हुई।
त्रासदी के बाद भी जीवन है। नई सुबह का हमें भी इंतज़ार है।
सचमुच सूकून पहुंचाने वाली तस्वीर...ज़िंदगी आगे बढ़ते जाने का नाम है।
अच्छी बात है, आपने किसी को गाली नहीं दी है। सार्थक सोच को दर्शाती तस्वीर।
उत्साहवर्धक पोस्ट...कुछ सपनों के मर जाने से जीवन नहीं मरा करता है--को चरितार्थ करती.
हिला देलअ राजा...कहां से खोज लैलअ ई फोटुआ...तोहरा नजरिया त रिपोर्टर बनैके लायक ह...कमाल है...लगता है...अपना ही बच्चा है..
lajawaab..........
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