Thursday, July 23, 2009

इंडिया टीवी के आर्यभट्ट

तरेगना या तारेगना??? लगभग सारी मीडिया मसौढी अनुमंडल के इस छोटे से गाँव को तारेगना बता रही थी, जो कि ग़लत है। इस जगह का नाम 'तारेगना' नहीं, 'तरेगना' है। बहरहाल, बात इंडिया टीवी और इस चैनल के इतिहास ज्ञान की। ख़बर तरेगना की थी कि वहां बादलों की वजह से लोग सूर्यग्रहण देखने से चूक गए। ग्रहण वाले दिन चैनल प्राईम टाईम में मोटा-मोटा सुपर चला रहा था। 'तारेगना पटना से 35 किलोमीटर दूर है'...'तारेगना में मशहूर वैज्ञानिक आर्यभट्ट रहते थे'....'आर्यभट्ट ने यहां एक वेधशाला बनाई थी'। यहां तक तो सब ठीक है, लेकिन अगला लाइन वाकई किसी पढ़े-लिखे शख़्स को हैरान कर देने वाली थी। '150 साल पहले बनाई थी वेधशाला'..। इंडिया टीवी के मुताबिक आर्यभट्ट ने डेढ़ सौ साल पहले तरेगना में वेधशाला बनवाया था। यानि सन 1850 के आसपास, जब ब्रिटिश भारत में शासन कर रहे थे। चैनल ने अपनी बौद्धिकता का बेजोड़ परिचय दिया था। आर्यभट्ट गुप्तकाल के महान अंतरिक्ष विज्ञानी थे। ऐतिहासिक साक्ष्यों की मानें तो गुप्त काल 320 to 480 AD. के बीच था। आज से करीब डेढ़ हज़ार साल पहले।

7 comments:

sushant jha said...

इंडिया टीवी से इतनी उम्मीद करने कौन कह रहा था आपको। इंडिया टीवी की सफलता लालू यादव की सफलता है-एक ऐसी सफलता जो विवेक हर लेती है लेकिन इतिहास में उसे कोई याद नहीं करता।

ashish kedia said...

sahi baat hai...... lagta hai aap india tv knaye naye darsak bane hain..... india tv ne khabaron k saath experiment karte karte us star par pahuncha diya jahan ab wo news bhi fictional dene lage hain.wo din door nai jab india tv ki news k pehle likha jiega."" prastut karyakram kori kalpana par aadharit hai jiska kisi jeevit ya mrit vyakti se koi sambandh nai hai.""
waise ek aur baat ye tasvir to yaad hogi waali tasvir bahot acchi hai.kaun bhule ga isey...

मिहिर said...

baat pate ki hai, lekin rajiv babu is hammam me kya aapko koi kapdon wala bhi dikh raha hai...!

संगीता पुरी said...

किसी कार्यक्रम को गंभीरता से न लिया जाए .. तो ऐसा ही होगा !!

उपाध्यायजी(Upadhyayjee) said...

Patrakarita me kaise kaise log pahuch gaye hain ye unki kab educational background pata kijiyega tab malum hoga.

Pt. D.K. Sharma "Vatsa" said...

इन लोगों को सिर्फ इतना पता होता है कि किसी घिसीपिटी,बेफालतू की खबर को "ब्रेकिंग न्यूज" बताकर कैसे लोगों को मूर्ख बनाया जाता है। बाकी किसी विषय की मूल जानकारी से इन्हे कुछ लेना देना नहीं।

Sumit K Mishra said...

arre, wo suryagrahan tha chandragrahan nahi.galti theek karo.