कहीं पढ़ा था 'इतिहास रचने वाले गुमनामी के अँधेरों से ही निकलते हैं।' अभिनव बिंद्रा ने आखिर बीजिंग ओलिम्पिक में वह कारनामा कर दिखाया, जिसकी तलाश हम बरसों से कर रहे थे। आप भी अभिनव को उनके ब्लॉग पर बधाई संदेश दे सकते हैं....।
भारत का गौरव बढ़ाने वाले अभिनव बिंद्रा की कामयाबी पूरे देश की कामयाबी है, लेकिन यह रातोरात नहीं हुआ, बल्कि इसके पीछे उनका निशानेबाजी के लिए जुनून, समर्पण, लगन और लंबा संघर्ष है।
अभिनव को एहसास है कि उन्होंने भारत के बच्चे-बच्चे को आंदोलित कर दिया है, लेकिन खुद पदक ग्रहण करते समय वे बहुत शांत दिखाई दे रहे थे। यह उनका इशारा हो सकता है कि अभी शुरुआत है, भारत की झोली में अभी ऐसे कई स्वर्ण आकर गिरेंगे। बहरहाल, हर भारतीय अभिनव का दिल से शुक्रगुजार है कि उन्होंने भारत को यह यादगार पल उपलब्ध करवाकर जश्न मनाने का अवसर दिया। देशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की सालगिरह पर इससे बेहतर उपहार कुछ हो ही नहीं सकता था। शुक्रिया अभिनव, You Made Us Proud.....।
अभिनव को एहसास है कि उन्होंने भारत के बच्चे-बच्चे को आंदोलित कर दिया है, लेकिन खुद पदक ग्रहण करते समय वे बहुत शांत दिखाई दे रहे थे। यह उनका इशारा हो सकता है कि अभी शुरुआत है, भारत की झोली में अभी ऐसे कई स्वर्ण आकर गिरेंगे। बहरहाल, हर भारतीय अभिनव का दिल से शुक्रगुजार है कि उन्होंने भारत को यह यादगार पल उपलब्ध करवाकर जश्न मनाने का अवसर दिया। देशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की सालगिरह पर इससे बेहतर उपहार कुछ हो ही नहीं सकता था। शुक्रिया अभिनव, You Made Us Proud.....।
5 comments:
अच्छी जानकारी।
जीत की बहुत बधाई एवं शुभकामनाऐं!
भाई लोग...बधाई....अभिनव को दें...मुझे नहीं..।
अभी यह यकीं के साथ नही कहा जा सकता की यह अभिनव बिंद्रा का अपना ब्लॉग है...!!?? विकिपीडिया में इसपर चर्चा चल रही है
चक दे फट्टे, मार लिया मैदान, जीत ली जंग, दे दिया जवाब, बन गये बादशाह, ख़ुशी से झूम रहा है पूरा देश ........... शाबाश अभिनव !
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