
जन्म से आज़ादी तक
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#शब्दकौतुक
जन गण मंगल की बात
[image: ▪]स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर, जब हम राष्ट्र, जन और गण की बात करते
हैं। संस्कृत-हिन्दी-फ़ारसी-अंग्रेज़ी के कई शब्द- जै...
3 days ago
कहानी अपनी-अपनी.....
मुद्दतें गुज़रीं तेरी याद भी आई न हमें
और हम भूल गए हों तुझे ऐसा भी नहीं
ज़रा विसाल के बाद आइना तो देख ऐ दोस्त
तेरे जमाल की दोशीज़गी निखर आई
तुम मुख़ातिब भी हो क़रीब भी हो
तुम को देखें कि तुम से बात करें
4 comments:
दिल्ली के हैं न!!
दिल्ली के हैं न!!
yr sympathy for dogs is really grt !!!
अरे यार कुत्तों की भी क्या गलती है वो भी सोचते हैं कि इन गाड़ियों के भीतर जो दिन भर बैठ के घुमते हैं ऊ तो हमसे भी बड़े कूकर हैं.....
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