
मच्छरों की पीढ़ियां – बेबी बूमर्स से जेन जी का इतिहास
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अरुणा (हमारी नौकरानी) शाम की पारी में बगीचे में सूखी पत्तियां बटोरने के
लिये झाड़ू लगाया करती है। वह मच्छरों से बचाव के लिये मेरी एक पूरी बांह की
पुरानी कमी...
2 days ago
4 comments:
दिल्ली के हैं न!!
दिल्ली के हैं न!!
yr sympathy for dogs is really grt !!!
अरे यार कुत्तों की भी क्या गलती है वो भी सोचते हैं कि इन गाड़ियों के भीतर जो दिन भर बैठ के घुमते हैं ऊ तो हमसे भी बड़े कूकर हैं.....
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