Friday, June 19, 2009

इसे ही शहर कहते हैं...

बड़ा दिलकश, बड़ा रंगीन है, ये शहर कहते हैं,
यहाँ पर हैं हजारों घर, घरों में लोग रहते हैं,
मुझे किस शहर में गलियों का बंजारा बना डाला।

मैं इस दुनिया को अक्सर देखकर हैरान होता हूँ,
न मुझसे बन सका छोटा-सा, हर दिन-रात रोता हूँ,
ख़ुदा ऐ तूने कैसे ये जहाँ सारा बना डाला......।

सौजन्य - शिकागो स्काई लाइव

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