यहाँ पर हैं हजारों घर, घरों में लोग रहते हैं,
मुझे किस शहर में गलियों का बंजारा बना डाला।
मैं इस दुनिया को अक्सर देखकर हैरान होता हूँ,
न मुझसे बन सका छोटा-सा, हर दिन-रात रोता हूँ,
ख़ुदा ऐ तूने कैसे ये जहाँ सारा बना डाला......।
सौजन्य - शिकागो स्काई लाइव
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