Monday, September 28, 2009

बाबा नीलकंठ के ऑनलाईन दर्शन

आज विजयादशमी है। विजयदशमी के दिन नीलकंठ पक्षी को देखना शुभ माना जाता है। नीलकंठ पक्षी सुंदर और उसका गला नीला होता है, इसी कारण उसे नीलकंठ कहा जाता है। इस पक्षी में लोग विषपायी शिव के दर्शन करते हैं। नीलकंठ! आपको नमस्कार है।
पर्यावरण के परिवर्तन का प्रभाव मनुष्यों के साथ-साथ अन्य वन्य जंतुओं पर भी पड़ने लगा है। दिल्ली जैसे शहर में नीलकंठ के दर्शन तो मुश्किल ही है। इसलिए ऑनलाईन दर्शन से ही काम चला लिया जाए....मान्यता है कि समुद्र मंथन के समय निकले विष को संसार के कल्याणार्थ भगवान शिव ने पान किया था। हालांकि उन्होंने विष को कंठ में ही रोक लिया था इससे उनका कंठ नीला पड़ गया। बाद में वे नीलकंठ पक्षी के रूप में भी लोगों को दर्शन देने लगे। यही वजह है कि इस पक्षी का कंठ पूर्णत: नीला होता है। त्रेता युग में भगवान श्रीराम ने नीलकंठ के दर्शन के पश्चात ही रावण का वध किया था। तभी से विजयादशमी के दिन नीलकंठ पक्षी के दर्शन को शुभ माना जाता है।
©rajivkmishra\indianroller-del\28\09\09

1 comment:

sushant jha said...

राजीव, आपने बहुत अच्छा काम किया है।