शशि थरूर फिर से विवादों में आ गए हैं। गांधी जयंती पर एक सभा को संबोधित करते हुए शशी ने हमारी दुखती रग पर हाथ रख दिया। आलसी तो हम स्वभाव से हैं ही....कितनी भी छुट्टी मिले, हमें अक्सर शिकायत ही रहती है। सरकारी नौकरी का सबसे बड़ा फ़ायदा छुट्टी ही तो है। इधर प्राईवेट मल्टीनेशनल नें हमें कुछ तेज़ तो बनाया है, लेकिन सब मजबूरी है। मौका मिले तो हम साल भर हॉली डे मनाते रहें..। एक तो हमारे यहां त्योहारों की संख्या इतनी है कि महीने में 2-3 तीन एक्स्ट्रा छुट्टी मिल जाती है...फिर दशहरा, होली, समर वेकेशन सब को जोड़ दें तो पूरे साल में हम 200 से ज्यादा दिन काम नहीं करते। ऐसे में शशि के विचार सोचने को मजबूर करते हैं। गांधी जयंती नेशनल हॉली डे नहीं, नेशनल वर्क डे होना चाहिए....आज गांधी ज़िंदा होते तो शायद यही करते..। आप क्या सोचते हैं???? क्या गांधी जयंती नेशनल हॉली डे होना चाहिए????? ऐसे मैं अभी दफ़्तर से ब्लॉग कर रहा हूं....ये भी ग़लत है। यहां मेरे आस-पास इस विषय को लेकर भारी वाद-विवाद चल रहा है। सौरव कह रहा है कि अगर गांधी जयंती नहीं हो तो गांधी लोगों की स्मृति से गायब हो जाएंगे। अभिलाषा मानती हैं कि शशि ग़लत हैं....छुट्टी होनी चाहिए, अमित शशि के समर्थन में हैं....राहुल शशि की बातों से इत्तेफ़ाक नहीं रखते...। ख़ैर आप क्या सोचते हैं???
© rajivkmishra\02\10\09-tvtn-ht
2 comments:
अगर आप हमारी राय पूछते है तो सुन लीजिये छुट्टी हो या नहीं और ऐसा नहीं हो सकता कि गांधी जी लोगो के मानस पटल से निकल जाए प्लीज ऐसा मतसोचिये
छुट्टी हो या नहीं ...गाँधीजी को तो कोई फर्क नहीं पड़ेगा ..!!
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