ये चाय मामूली चाय नहीं है। यह ठंढ़ी होने की वजह से केस स्टडी बन चुकी है। यह अपने आप में कॉरपोरेट जगत के महान सिद्धांतो को समेटे हुए है। कटवारिया सराय के मकान नंबर xyz के फोर्थ फ्लोर पर सैमसंग का एक सिस्टम है, जिसके सामने यह चाय रखी हुई है। 'कॉरपोरेट कुली' 10 बजे उठता है। उठते ही ऑफ़िस के बकाया कामों को निपटाने के लिए ‘सिस्टम’ से जा चिपकता है। बीच में लड़कियों के फ़ोन...न्यू ईयर विश, बर्थ डे की बधाईयां...। चाय ठंढ़ी हो गई है। मलाई तैरने लगी है।
44 रूपए किलो चीनी और 60 रू के लिप्टन के पैक से निकली चाय पत्ती...हमारे उदीयमान अर्थशास्त्री इस चाय की क़ीमत 3रु 45 पैसा कूतते हैं। चूंकि ये ठंढी हो गई है, इसलिए देश की जीडीपी साढ़े तीन रूपए घाटे में जा रही है। लेकिन इसी के साथ एक रिवाइवल पैकेज भी है जो सत्यम के रिवायवल पैकेज से कम नहीं है।
सवाल यह है कि हमारा Objective क्या है?
“PRIMARY OBJECTIVE” – To re-instate the position of एक कप चाय without diluting the BRAND VALUE of same without un-altering the positioning. (कड़क चाय)
Secondary:- To increase the frequency of Tea drinkers (चाय पियक्कड़) and to have a positive rub off for our brands( फिर से कड़क) with increased category penetration.( एक बट्टा दो कप)
“MISSION” – To protect and promote the interests of tea drinkers while serving the needs of its members. (चाय की तलब)
“VISION” – To strive for highest possible standards in day to day life and quality of products.
"GOAL" - To be on the top of the mind recall for every tea users, thus we need to be on every household. ( ताकि लोगों को ये एहसास रहे कि ये बर्बादी है और बिना किसी ग्लानि वोध के ऐसा सभी लोग करें)
इस प्रोजेक्ट रिपोर्ट में बहुत कम निवेश का जिक्र है-मसलन..चाय को फिर गर्म करने में लगा खर्च-30 पैसा और उसे एक बेहतरीन कप में बेहतरीन रोमांटिक गाना गुनगुनाते हुए पेश करना। इसे आप आपर्चुनिटी कोस्ट (यानी ऐसा काम जो आपने किया बिल्कुल नहीं है लेकिन अफसोस इस बात का कर रहे हैं कि अगर करते तो इतना फायदा होता) कह सकते हैं जो आपकी बीवी द्वारा चाय को फिर से बनाने की सूरत में 0 रुपया है जबकि रामपाल द्वारा बनाए जाने की सूरत में 7 पैसा प्रति कप बैठता है। प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार करने में कंपनी के बेहतरनी एक्जक्यूटिव का लगा वक्त और उसका ह्यूमेन रिसोर्स प्रति कप 3 पैसा बैठता है और अगर इस तरह के 5 करोड़ कप चाय को रिवाईव किया जाता है तो मुनाफा तकरीबन 18 करोड़ रुपये का है।
तो लीजिए तैयार है गरम चाय और इसका क़ॉरपोरेट रिवाईवल प्लान।
नोट- इस प्रोजेक्ट को तैयार करने में संजीव कुमार और सुशांत झा का अहम य़ोगदान है लेकिन मनेजमेंट के आला अधिकारियों ने उनका नाम चेतन भगत की तरह बेहद पतले अक्षरों में सिर्फ क्रेडिट रोल में दिया है। दरअसल, ऐसा कंट्रैक्ट में ही था!
“PRIMARY OBJECTIVE” – To re-instate the position of एक कप चाय without diluting the BRAND VALUE of same without un-altering the positioning. (कड़क चाय)
Secondary:- To increase the frequency of Tea drinkers (चाय पियक्कड़) and to have a positive rub off for our brands( फिर से कड़क) with increased category penetration.( एक बट्टा दो कप)
“MISSION” – To protect and promote the interests of tea drinkers while serving the needs of its members. (चाय की तलब)
“VISION” – To strive for highest possible standards in day to day life and quality of products.
"GOAL" - To be on the top of the mind recall for every tea users, thus we need to be on every household. ( ताकि लोगों को ये एहसास रहे कि ये बर्बादी है और बिना किसी ग्लानि वोध के ऐसा सभी लोग करें)
इस प्रोजेक्ट रिपोर्ट में बहुत कम निवेश का जिक्र है-मसलन..चाय को फिर गर्म करने में लगा खर्च-30 पैसा और उसे एक बेहतरीन कप में बेहतरीन रोमांटिक गाना गुनगुनाते हुए पेश करना। इसे आप आपर्चुनिटी कोस्ट (यानी ऐसा काम जो आपने किया बिल्कुल नहीं है लेकिन अफसोस इस बात का कर रहे हैं कि अगर करते तो इतना फायदा होता) कह सकते हैं जो आपकी बीवी द्वारा चाय को फिर से बनाने की सूरत में 0 रुपया है जबकि रामपाल द्वारा बनाए जाने की सूरत में 7 पैसा प्रति कप बैठता है। प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार करने में कंपनी के बेहतरनी एक्जक्यूटिव का लगा वक्त और उसका ह्यूमेन रिसोर्स प्रति कप 3 पैसा बैठता है और अगर इस तरह के 5 करोड़ कप चाय को रिवाईव किया जाता है तो मुनाफा तकरीबन 18 करोड़ रुपये का है।
तो लीजिए तैयार है गरम चाय और इसका क़ॉरपोरेट रिवाईवल प्लान।
नोट- इस प्रोजेक्ट को तैयार करने में संजीव कुमार और सुशांत झा का अहम य़ोगदान है लेकिन मनेजमेंट के आला अधिकारियों ने उनका नाम चेतन भगत की तरह बेहद पतले अक्षरों में सिर्फ क्रेडिट रोल में दिया है। दरअसल, ऐसा कंट्रैक्ट में ही था!
6 comments:
kontrekt mein nahi tha fir bhi kahta hu.. maja aa gaya.. shandar post
प्लान दिलचस्प और गौर करने लायक है...
नीरज
विषय की ताजगी और प्रस्तुति।
आप ने तो मुझे फैन बना लिया।
अद्भुत...वाकई गजब का िवश्लेषण िकया है आपने।
achha vyang!!!
guru.. corporate presentation hai bilkul.. umda.. maza aa gaya
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