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भेड़ाघाट से बरेला
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24 जून को सवेरे बिलहा (भेड़ाघाट) से जबलपुर के लिये निकले प्रेमसागर। उन्हें
अपेक्षा थी कि उनका जैसा स्वागत सत्कार द्वादश ज्योतिर्लिंग यात्रा के दौरान
जबलपुर ...
11 hours ago
4 comments:
बहुत अफसोसजनक और दुखद!!
dukhad
दु:खद है यह।
मसीह का बचना यह बताता है कि धर्म से सम्बन्धित काम जैसे मन्दिर, मूर्ति वगैरह बनाने में इंसान घपले नहीं करता है।
कांक्रीट बीम के तले झाँकता हाथ यह पूछ रहा है कि ढलाई के दौरान सिर्फ कुछ वक्त बचाने के लिए बेसिक सिद्धांतों को न मानने का घपला क्यों किया गया?
ओह लोमहर्षक....हम कुदरत के सामने कितने लाचार हैं....
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