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गाह-2 : जब डुबकी ही शुभारम्भ कहलाती थी
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*संकल्प और शुरुआत का एक नाम: आग़ाज*
*संकल्प और इच्छाशक्ति की दूरगामी सोच*‘आरम्भ’ और ‘प्रारम्भ’ जैसे शब्द किसी
कार्य के अनुष्ठान की सूचना देते हैं, तो ‘श...
1 day ago
4 comments:
बहुत अफसोसजनक और दुखद!!
dukhad
दु:खद है यह।
मसीह का बचना यह बताता है कि धर्म से सम्बन्धित काम जैसे मन्दिर, मूर्ति वगैरह बनाने में इंसान घपले नहीं करता है।
कांक्रीट बीम के तले झाँकता हाथ यह पूछ रहा है कि ढलाई के दौरान सिर्फ कुछ वक्त बचाने के लिए बेसिक सिद्धांतों को न मानने का घपला क्यों किया गया?
ओह लोमहर्षक....हम कुदरत के सामने कितने लाचार हैं....
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