Thursday, January 14, 2010

हैती में कुदरत का कहर

ज़मींदोज शहर पोर्ट ओ प्रिंस- हैती की राजधानी...!

तुम कैसे बच गए मसीहा..!
तबाही...सिर्फ़ तबाही..!

इंसान...कितना लाचार...!

© PICS COURTSEY – LA TIMES\ TELEGRAPH\ TIMES ONLINE

4 comments:

Udan Tashtari said...

बहुत अफसोसजनक और दुखद!!

Randhir Singh Suman said...

dukhad

गिरिजेश राव, Girijesh Rao said...

दु:खद है यह।
मसीह का बचना यह बताता है कि धर्म से सम्बन्धित काम जैसे मन्दिर, मूर्ति वगैरह बनाने में इंसान घपले नहीं करता है।
कांक्रीट बीम के तले झाँकता हाथ यह पूछ रहा है कि ढलाई के दौरान सिर्फ कुछ वक्त बचाने के लिए बेसिक सिद्धांतों को न मानने का घपला क्यों किया गया?

sushant jha said...

ओह लोमहर्षक....हम कुदरत के सामने कितने लाचार हैं....