Honesty भले ही बेस्ट पालिसी नहीं रह गई हो......लेकिन आपकी ईमानदारी एक ब्रांड तो है ही...अब बलबीर भाटिया को ही देख लीजिए...ऑटो चलाते है, लेकिन अपनी ब्रांडिंग करना नहीं भूलते। ईमानदारी को ही अपना यूएसपी बना लिया....टाटा और रिलायंस का अंतर समझते हैं। ख़ैर तश्वीर नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से ली गई है। दस लाख रूपए कम नहीं होते लेकिन ईमानदारी की भी भला कोई क़ीमत लगा पाया है।
चक्रधर दुबे
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चक्रधर जी ने बताया कि वे सवेरे चार बजे बिस्तर छोड़ देते हैं। नित्यकर्म के
बाद एक घंटा साइकिल चलाते हैं। दो ढ़ाई किलोमीटर धीरे, काहे कि वह शहर और
गलियों में ह...
1 day ago
6 comments:
अच्छी जानकारी है...
शानदार पोस्ट है...
आपकी पोस्ट से इनका और इन जैसे अल्पसंख्यक इंसानों का हौंसला बढ़ेगा।
साधुवाद।
बहुत दिनों बाद आपकी पोस्ट आई, अपने followers को कुछ 'फ़ूड फॉर थोट' दीजिये ......
मनोज k
good job..
WAKAI KABILE TARIF HAI
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